लोगों की राय

आलोचना >> महादेवी : नया मूल्यांकन

महादेवी : नया मूल्यांकन

गणपतिचन्द्र गुप्त

प्रकाशक : लोकभारती प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2008
पृष्ठ :348
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 13198
आईएसबीएन :0

Like this Hindi book 0

प्रस्तुत पुस्तक में कवयित्री महादेवी के व्यक्तित्व, दर्शन, जीवन-दर्शन, काव्य-दर्शन, युग-बोध आदि का पहली बार गम्भीरता से विवेचन-विश्लेषण हुआ है

प्रस्तुत पुस्तक में कवयित्री महादेवी के व्यक्तित्व, दर्शन, जीवन-दर्शन, काव्य-दर्शन, युग-बोध आदि का पहली बार गम्भीरता से विवेचन-विश्लेषण हुआ है। साथ ही महादेवी के काव्य के विभिन्न पक्षों पर भी गम्भीरता से विचार किया गया है।
कवयित्री महादेवी के जीवन-वृत्त एवं व्यक्तित्व, काव्य दर्शन, दार्शनिक मान्यताएँ, जीवन-दर्शन, युग- बोध, छायावाद और महादेवी, रहस्यवाद और महादेवी काव्य में वेदना (दुःखवाद), काव्य में प्रकृति, काव्य का शैली पक्ष, काव्य रूप : गीति काव्य का मूल्यांकन, सौन्दर्य शास्त्रीय दृष्टि से, काव्य शास्त्रीय दृष्टि से, वैज्ञानिक दृष्टि से आदि कतिपय महत्वपूर्ण बिन्दुओं का संकेत पुस्तक में मिलता है। वस्तुत: महादेवी काव्य पर लिखा गया एक सर्वश्रेष्ठ आलोचनात्मक एवं गवेशणात्मक ग्रंथ है जिसमें महादेवी काव्य के सभी पक्षों पर पूरी गम्भीरता से विचार किया गया।

प्रथम पृष्ठ

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book

A PHP Error was encountered

Severity: Notice

Message: Undefined index: mxx

Filename: partials/footer.php

Line Number: 7

hellothai